भागलपुर बिहार – रेशम नगरी की पूरी जानकारी | Bhagalpur Bihar Full History, Culture, Tourism Guide in Hindi

    •  भागलपुर – बिहार की रेशमी पहचान



🔷 परिचय:

भागलपुर, बिहार राज्य का एक प्रमुख और ऐतिहासिक नगर है जो गंगा नदी के किनारे स्थित है। यह शहर अ


पने रेशमी वस्त्रों के लिए देशभर में प्रसिद्ध है, और इसलिए इसे "रेशम नगरी" कहा जाता है। यह पूर्वी बिहार का आर्थिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र भी है।


🏛️ इतिहास और प्राचीन विरासत:

भागलपुर का इतिहास बहुत पुराना है। इसे प्राचीन काल में अंग देश कहा जाता था और यह कर्ण की राजधानी थी। महाभारत काल में इसका उल्लेख मिलता है।



यहाँ के पास ही स्थित है विक्रमशिला महाविहार, जिसे 8वीं सदी में पाल वंश के राजा धर्मपाल ने बनवाया था। यह नालंदा के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा बौद्ध शिक्षण संस्थान था।


🧵 रेशमी वस्त्र और हस्तशिल्प:

भागलपुर की पहचान है इसका हथकरघा रेशम उद्योग। यहाँ की भागलपुरी सिल्क साड़ियाँ और कपड़े दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। यहाँ का रेशमी कपड़ा प्राकृतिक रंगों और पारंपरिक बुनाई के लिए मशहूर है।


🎓 शिक्षा का केंद्र:

भागलपुर में कई प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU)

  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT Bhagalpur)

  • Bihar Agricultural University, Sabour





🌉 भौगोलिक स्थिति और कनेक्टिविटी:

भागलपुर गंगा नदी के दक्षिणी तट पर बसा हुआ है। यह सड़क और रेलमार्ग से देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा है।

  • भागलपुर जंक्शन पूर्वी रेलवे का महत्वपूर्ण स्टेशन है।

  • यहाँ हवाई अड्डा (under development) भी बन रहा है जिससे इसकी कनेक्टिविटी और बढ़ेगी।


🌊 पर्यटन स्थल:

भागलपुर और इसके आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं:

  • विक्रमशिला महाविहार (कहलगाँव)

  • बुधानाथ मंदिर

  • घंटाघर और संजय उद्यान

  • काहलगांव गंगा घाट

  • डॉल्फ़िन अभ्यारण्य, जहाँ गंगा डॉल्फ़िन देखी जा सकती हैं।


💹 अर्थव्यवस्था और उद्योग:

यहाँ की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है:

  • रेशम और हथकरघा उद्योग

  • कृषि और मछली पालन

  • शिक्षा और व्यापार

भागलपुर का टिलका मांझी वाणिज्यिक क्षेत्र और मारवाड़ी बाजार पूरे बिहार में प्रसिद्ध हैं।


👥 जनसंख्या और प्रशासन:

2021 की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार भागलपुर नगर निगम क्षेत्र में लगभग 4.5 लाख लोग रहते हैं। यह शहर बिहार राज्य की स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत भी शामिल किया गया है।


संस्कृति और भाषा:

यहाँ की प्रमुख भाषा अंगिका है, जो मैथिली और भोजपुरी से मिलती-जुलती है। हिंदी और उर्दू भी यहाँ बोली जाती हैं।
भागलपुर का छठ पर्व, उर्स मेला, दुर्गा पूजा और ईद बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।


📌 निष्कर्ष:

भागलपुर, सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक संस्कृति है। इसकी रेशमी बुनाई, ऐतिहासिक धरोहरें, गंगा की लहरें, और आधुनिक संस्थान मिलकर इसे बिहार का गौरव बनाते हैं। अगर आप बिहार घूमने का मन बना रहे हैं, तो भागलपुर जरूर जाएं – यहाँ इतिहास भी है, रोजगार भी, और उम्मीद भी।


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